क्रिकेट के इतिहास में दाएं हाथ का वह बल्लेबाज जिसने पूरे 24 साल तक 22 गज की पट्टी पर राज किया था। सचिन रमेश तेंदुलकर को मास्टर ब्लास्टर, क्रिकेट के भगवान और लिटिल मास्टर जैसे कई नामों से जाना जाता हैं । सचिन तेंदुलकर ने अपना वनडे डेब्यू 18 दिसंबर 1989 और टेस्ट डेब्यू 15 नवंबर 1989 को किया था। दोनों ही डेब्यू उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ किया था। सचिन ने अपने क्रिकेट करियर में सबसे ज्यादा रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वनडे इंटरनेशनल में तेंदुलकर के नाम 18 हजार 426 रन हैं जबकि टेस्ट में उन्होंने 15 हजार 921 रन बनाए हैं। सचिन के इस सफर में उनके बड़े भाई, कोच रमाकांत, पत्नी अंजलि जैसे कई लोगों ने उनका साथ दिया। अगर वे नहीं होते तो शायद सचिन इतना कुछ हासिल नहीं कर पाते।
बड़े भाई से लेकर पत्नी अंजलि तक ने सपोर्ट किया-
सचिन तेंदुलकर के बड़े भाई अजीत ने उन्हें 1984 में क्रिकेट से परिचय कराया। वह सचिन को मुंबई के दादर के शिवाजी पार्क में रमाकांत आचरेकर की अकादमी में ले गए। कोच रमाकांत आचरेकर के मार्गदर्शन ने सचिन के करियर को आकार दिया। वहीं पत्नी अंजलि तेंदुलकर वर्षों तक सचिन के शानदार करियर का समर्थन करने और उनके बच्चों की परवरिश के लिए समर्पित थीं।
सचिन के नाम हैं कई कीर्तिमान –
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के मैदान में कई रिकॉर्ड हैं। 24 फरवरी 2010 को सचिन तेंदुलकर वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। उन्होंने 463 वनडे में 18426 रन और 200 टेस्ट में 15921 रन बनाए हैं। अपने वनडे करियर में 49 शतक और 96 अर्धशतक और टेस्ट करियर में 51 शतक और 68 अर्धशतक बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक 16 मार्च 2012 को मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ बनाया था। सचिन ने अपने करियर में सबसे ज्यादा 200 टेस्ट मैच खेले। यह भी एक विश्व रिकॉर्ड है। दुनिया में किसी ने भी तेंदुलकर से ज्यादा टेस्ट मैच नहीं खेले हैं। सचिन ने 200 टेस्ट मुकाबलों में 51 शतक और 463 वनडे मुकाबलों में 49 शतक लगाए हैं ।
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर-
वर्ष 1994 में खेल में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997-98 के दौरान सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया। उन्हें 1999 में पद्म श्री, 2008 में पद्म विभूषण और 2001 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। क्रिकेट के इतिहास में उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वह 2014 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न पाने वाले पहले खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।
28 शतक से चूक गए तेंदुलकर –
सचिन वनडे क्रिकेट में कुल 18 बार नब्बे या उससे ज़्यादा रन बनाने के बाद शतक से चूके थे । नर्वस होने के कारण सचिन तीन बार 99 पर आउट हुए थे । सचिन वनडे में 18 बार और टेस्ट में कुल 10 बार 90 से 99 रन के बीच आउट हुए थे । अगर सचिन आउट ना होते तो उनके नाम 28 और सेन्चुरी हो सकती थी। सचिन के करियर में वो 128 शतक बना सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट के साथ- साथ वनडे क्रिकेट में भी सबसे ज़्यादा रन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया।
नवंबर 2013 में लिया संन्यास-
सचिन का 24 साल का क्रिकेट करियर किसी स्वर्णिम काल से कम न था जिसने उभरते खिलाड़ियों के लिए एक मानक स्थापित किया। तेंदुलकर ने नवंबर 2013 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। वह वनडे और टेस्ट में सबसे अधिक मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ी थे। सचिन तेंदुलकर 200 टेस्ट खेलने वाले दुनिया के एकमात्र क्रिकेटर हैं। उनका 100 वां शतक एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ पूरा हुआ। सचिन ने 2013 में अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनके नाम 34 हजार 347 अंतरराष्ट्रीय रन हैं। बता दें कि सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा 100 शतक लगाने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है, जिसे अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है।