Radio in India

ये रेडियो ही है साहब जो मन बहलाता था

ये रेडियो (radio) ही है साहब जो मन बहलाता था। रेडियो के सम्मान में और उसे हमारी यादों में हमेशा ज़िंदा रखने के लिए यूनेस्को द्वारा साल 2011 में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद साल 2012 में 13 फरवरी के दिन विश्व रेडियो दिवस को पहेली बार मनाया गया। आज विश्व रेडियो दिवस के इस मौके पर जे.एम.सी साहित्य की पूरी टीम आपको इस दिन की बधाई देती है और गौरव दुबे द्वारा लिखित रेडियो से जुड़ी यादों पर ये लघु कविता उपहार स्वरुप देती है और आशा करती है की इसे पढ़कर आपकी भी रेडियो से जुड़ी कोई याद ताज़ा होजाये। World Radio Day 13 February

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भारत में रेडियो का इतिहास/ History of Radio in India

रेडियो प्रसारण भारत में स्वदेशी था, यह देश के कोने-कोने में कोई सन्देश पहूँचाने का एक बहुत बड़ा माध्यम था. इसके द्वारा देश के किसान विस्तृत रूप से खेती की जानकारी प्राप्त कर सकते थे, मौसम, देश – विदेश से जुड़ी बातें आसानी से देश के लोगों तक पहुंचा सकते थे. मास मीडिया के अन्य

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