8 मार्च 1988 को चमकीला, उनकी पत्नी और साथियों की एके-47 से हत्या कर दी गई। इम्तियाज अली की यह फिल्म चमकीला की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने अमर सिंह चमकीला का किरदार निभाया है। जानिए कैसी है ओटीटी फिल्म अमर सिंह चमकीला. फिल्म -अमर सिंह चमकीलाओटीटी: नेटफ्लिक्सडायरेक्शन: इम्तियाज अलीकलाकार: दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा 1980 के दशक में अपने गानों से लोगों के दिलों पर राज करने वाले अमर सिंह चमकीला पंजाबी संगीत की दुनिया के मशहूर सितारे थे। चमकीला ने 8 साल तक पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया, लेकिन 8 मार्च 1988 को चमकीला अलगाववादियों की गोलियों का शिकार हो गए । चमकीला की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया। चमकीला के गाने इतने हिट थे कि उनके कैसेट ब्लैक में बेचे जाते थे। इम्तियाज अली की यह फिल्म चमकीला की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म 12 अप्रैल से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। फिल्म पंजाब के पहले रॉकस्टार फिल्म में दिखाया गया है कि, कैसे एक गरीब परिवार से आने वाला शख्स कम उम्र में 'पंजाब का एल्विश' बन गया। कौन हैं अमर सिंह चमकीला - अमर सिंह चमकिला दलित समुदाय से थे। उनका जन्म 21 जुलाई 1960 को डुग्गी, लुधियाना में हुआ था। चमकीला ने महज छह साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। 19 साल की उम्र में उन्होंने कपड़ा मिल से काम करना शुरू किया । उन्हें बचपन से ही संगीत में रुचि थी। इसके बाद चमकीला की मुलाकात संगीत के क्षेत्र में काम करने वाले सुरेंद्र जिंदा से हुई। असल जिंदगी में उनकी हत्या करने वालों की पहचान अबतक नहीं हो पाई है। एक समय में चमकीला इतने मशहूर हो गए थे कि दूसरे कलाकारों को काम मिलना बंद हो गया था। उनकी प्रसिद्धि उन्हें उग्रवादियों, धार्मिक नेताओं और पुलिस के प्रकोप से नहीं बचा सकी। उन्होंने जो भी सुना और देखा बस उसे गाने का रूप दे दिया करते थे । अमर सिंह चमकीला का सिंगिग करियर - चमकीले ने पहली एल्बम सुरिंदर सोनिया के साथ मिलकर निकाली जिसमें आठ गाने थे। इसके लिए सोनिया को 600 रुपए मिले और चमकीला को 200 रुपए दिए गए। चमकीला के कुछ साथी भी थे जो हमेशा उसके साथ रहते थे। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ पैसे को लेकर बराबरी की बात की तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। इसके बाद अमर सिंह चमकीला बनने की कहानी शुरू होती है। कुछ समय बाद अखाड़े के लिए महिला गायिका की तलाश में उनकी मुलाकात अमरजोत कौर से हुई। वह जट समाज से थी। दोनों ने एक साथ गाना शुरू किया। यह जोड़ी हिट हो गई। उन दिनों उनको इतना पसंद किया जाता था कि साल भर में 366 कार्यक्रम होते थे चमकीला की हत्या की वजह - चमकीला और उनके साथी अमरजोत दोनों अपने करियर के शीर्ष पर थे। 1988 में दोनों की हत्या कर दी गई। मौत के पीछे कौन रहा होगा यह आज भी रहस्य बना हुआ है। उस दौर में साथ काम करने वाले कलाकार पंजाब की राजनीति के विशेषज्ञ या कोई अन्य निजी व्यक्ति हो सकते हैं। उनकी हत्या की जांच भी जल्द ही बंद कर दी गई। चमकीला और अमरजोत की जोड़ी ने कई ऐसे गाने दिए हैं जो आज भी शादी-ब्याह और त्योहारों के मौके पर गाए जाते हैं। फिल्म में कलाकारों का अभिनय - फिल्म में दिलजीत दोसांझ अमर सिंह चमकीला का किरदार निभा रहे हैं। इस किरदार में उन्हें लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। अपनी एक्टिंग से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है। अमरजोत के किरदार में परिणीति चोपड़ा नज़र आई हैं । इस फिल्म का संगीत एआर रहमान ने तैयार किया है। फिल्म की कहानी कहानी दलित समुदाय में जन्मे एक कलाकार की है, जिसने कला के जरिए अपना नाम बनाया था । पंजाब के रॉकस्टार चमकीला ने 20 साल की उम्र में अपने गानों से प्रसिद्धि हासिल की थी। 27 साल की उम्र में उनकी हत्या कर दी गई थी। फिल्म में चमकीला के 27 साल के जीवन और राजनीति के लिए संघर्ष को दर्शाया गया है। फिल्म चमकीला की जिंदगी के बारे में कुछ नया नहीं दिखा पाई, जितनी कहानी दिखाई गई है उतनी दर्शको को पता थी । इम्तियाज़ अली का डायरेक्शन इम्तियाज अली जब वी मेट और रॉकस्टार जैसी फिल्में बना चुके हैं। उनकी स्टोरी टेलिंग का तरीका वाकई खूबसूरत है। पहली बार उन्होंने हाथ ओटीटी पर आजमाया है। इम्तियाज़ ने उस दौर के पंजाब को अच्छे से परदे पर उकेरा की कोशिश की। कहानी को चित्रों और एनिमेशन के जरिये भी दिखाया है। कमी - इस फिल्म में कुछ ऐसे पहलू हैं जिन्हें दिखाया नहीं गया है। अमर सिंह एक दलित थे और अमरजोत कौर जाट थीं। इस फिल्म में यह नहीं बताया गया है कि दानो की शादी में जाति की कितनी बाधा रही होगी। उनकी जिंदगी का ये हिस्सा फिल्म में अछूता रह गया। आखिर क्यों देखे चमकीला - -- फिल्म के बीच-बीच में अमर सिंह चमकीला के पुराने क्लिप और फोटो का इस्तेमाल किया गया है। -- दिलजीत दोसांझ हूबहू चमकीला के जैसे नजर आ रहे हैं। फिल्म में ज्यादातर लाइव परफॉमेंस दिखाया गया है।