हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष: कलम भी हूं औऱ कलमकार भी हूं

हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अंकित कुमार द्वारा लिखी गई सुंदर कविता कलम भी हूं औऱ कलमकार भी हूंखबरों के छपने का आधार भी हूं, मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूंइसे बदलने की एक तलबगार भी हूं, दिवानी ही नहीं हूं, दिमागदार भी हूंझूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं,  कभी जो […]

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