pulitzer award
Awards

2022 में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भारत के 4 पत्रकार

2022 में भी यह पुरस्कार दिया गया, जिसमें चार भारतीय पत्रकारों का नाम शामिल है, सना इरशाद मट्टू ,अमित दवे और अदनान अबिदी, को कोरोना काल में भारत में फोटोग्राफी के लिए यह अवॉर्ड दिया गया और रायटर्स के फोटोग्राफर दानिश सिद्दीकी को मरणोपरांत यह अवार्ड मिला |

kabhi कभी यूँ भी तो हो
JMC Sahitya

कभी यूँ भी तो हो – डिम्पल सैनी

कभी यूँ भी तो हो की वो गुज़रा बचपन वापस आजाये, कभी यूँ भी हो की वो माँ का शीतल अंचल वापस आजाये, कभी यूँ भी हो की उस एक प्रेम पत्र का जवाब आजाये, कभी यूँ भी हो की वो बिता वक़्त वापस आजाये, कभी यूँ भी हो… कभी यूँ भी हो… ये “कभी यूँ भी हो” का ख़्याल हमारी अधूरी इक्षाओं को हमारे विचारों के माध्यम से पूरा करता है। उन इक्षाओं को जो शायद कभी पूरी हो भी सकती थीं और उन इक्षाओं को भी जो कभी पूरी नहीं होतीं। ख़ेर जो भी हो पर ये “कभी यूँ भी हो” का ख़्याल हमें एक आशा ज़रूर देता हैं। इसी आशा को अपनी एक कविता के माध्यम से दर्शाती हैं हरियाणा की रहने वाली हमारे JMC साहित्य की एक नई सदस्य डिम्पल सैनी उर्फ़ जुगनी। डिम्पल 2016 से अब तक मीडिया के कई क्षेत्रों (समाचार पत्र, न्यूज़ चैनल और रेडियो) का अनुभव ले चुकी है साथ ही आप दो महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भी रहीं हैं। साहित्य और काव्य में इनकी ख़ास रूचि है।

मेहबूब आशिक़ mehboob ke aashiq
कविता

मेहबूब के आशिक़ – गौरव दुबे

मेहबूब के आशिक़ जिस तरह जिससे हम प्यार करते हैं उससे सिर्फ हम ही प्यार नहीं करते उसके कई आशिक़ होते हैं। वैसे ही हमारे देश की स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी के चाहने वाले भी करोड़ो हैं। आज भले लता जी हमारे साथ नहीं है लेकिन वह हमेशा अपनी आवाज़ में ज़िंदा रहेंगी। उनके गये हुए नग्मे हम कभी भुला नहीं पाएंगे। क्यों न इस बार का वैलेंटाइन्स डे उनके नाम किया जाए जिन्होंने हमे गीतों के ज़रिये मोहोब्बत करना सिखाया। आज में गौरव दुबे लता जी को कवितांजलि देता हूँ। और अपनी लिखी नज़्म मेहबूब के आशिक़ उन्हें समर्पित करता हूँ। Lata ji wish you a very happy valentines day

radio poetry
कविता

ये रेडियो ही है साहब जो मन बहलाता था

ये रेडियो (radio) ही है साहब जो मन बहलाता था। रेडियो के सम्मान में और उसे हमारी यादों में हमेशा ज़िंदा रखने के लिए यूनेस्को द्वारा साल 2011 में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद साल 2012 में 13 फरवरी के दिन विश्व रेडियो दिवस को पहेली बार मनाया गया। आज विश्व रेडियो दिवस के इस मौके पर जे.एम.सी साहित्य की पूरी टीम आपको इस दिन की बधाई देती है और गौरव दुबे द्वारा लिखित रेडियो से जुड़ी यादों पर ये लघु कविता उपहार स्वरुप देती है और आशा करती है की इसे पढ़कर आपकी भी रेडियो से जुड़ी कोई याद ताज़ा होजाये। World Radio Day 13 February

Want to crack UGC-NET Exam?

Courses out for June 2024 Exam.

Hurry up now.