हिंदी पत्रकारिता दिवस विशेष: हौसलों का सूर्योदय “उदन्त मार्तण्ड”

Post for 'Hindi Patrakarita Divas, by Dr. Pallavi Mishra

हिंदी पत्रकारिता दिवस के शुभ अवसर पर पढ़़िए अमिटी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पल्लवी मिश्रा द्वारा लिखी गई एक सुंदर कविता ‘हौसलों का सूर्योदय “उदन्त मार्तण्ड “


कभी खाली थे, सूने थे, मेरे फ़साने…

मैं गुमनाम थी, इस मुल्क की पत्रकारिता से अनजान थी  …

अंग्रेजों की हुकूमत थी, अंग्रेज़ी की ही सूरत थी …

गुलाम भारत के जंजीरों में ज़करी थी…

मेरे पंखों में ना उड़ान थी …

परतंत्र भारत में पं. जुगल किशोर शुक्ल ने मेरी परिकल्पना की नीव रखी ….

तो 30 मई 1826 में मेरा आरम्भ “उदन्त मार्तण्ड” के नाम से हुआ ….

मैं वो कश्ती हूँ जिसने हिंदी पत्रकारिता को राह दिखाई …

मैंने ही सर्वप्रथम गुलाम भारत में ….

हिंदुस्तानियों के हक के लिए आवाज उठायी ….

मुझे गर्व है मैं हिंदी का पहला अखबार हूँ ….

देश की रगों में बहने वाला नवाचार हूँ …

मैं देशवासियों के हक की आवाज बनी …

हर शब्द से गुलामी के दर्द का एहसास बनी …

कोरे कागज़ पर मैं स्वंत्रता संग्रामियों का आगाज़ बनी …

देश को नयी दिशा देने वाली साज़ बनी ….

मैं साहसिक थी, मजबूत इरादों का आशिक थी ….

लेकिन अभाव में मेरी ज़िन्दगी का सफ़र, ठहर गया ….

चंद लम्हों में ही थम गया …

एक साल में मैं देशवासियों की रूह में इस क़द्र घुल गया ….

इतिहास के पन्नो में मेरा नाम सुनहरे अक्षरों में पड़ गया …..

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More to read

About JMC Study Hub

JMC Study Hub is India’s first largest and dedicated learning platform of Journalism and Mass Communication. 

Email : support@jmcstudyhub.com

Latest Post
Interview

Subscribe to Our Newsletter

Quick Revision
FOLLOW US ON FACEBOOK
error: Content is protected !!
Scroll to Top