Tag: पत्रकारिता और साहित्य

पुष्प की अभिलाषा – पं. माखनलाल चतुर्वेदी

पुष्प की अभिलाषा

“पुष्प की अभिलाषा” नामक कविता में वह बागों में खिलने वाले पुष्पों से उनकी चाह के बारे में पूछते हैं कि उनकी कहाँ जाने की ख्वाइश है और पुष्प कहते हैं कि वह उन देश भक्तों के चरणों के नीचे आना चाहते हैं जो मातृभूमि के खातिर अपना शीष भी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।

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पत्रकारिता में समाहित है समग्र विषय- डॉ. सुनील

पत्रकारिता में समाहित है समग्र विषय- डॉ. सुनील

हमारे विद्यार्थी पारंपारिक पढ़ाई करते हैं जैसे – पत्रकारिता, दूरदर्शन, विज्ञापन, जनसंपर्क, इलेक्ट्रोनिक मीडिया या सिनेमा का इतिहास पढ़ते हैं लेकिन वस्तुतः इनसे संबंधित कितने प्रश्न नेट या सेट इन परीक्षाओं में आज के समय में पूछे जा रहे हैं? यह भी विचारणीय बात है. हमारे विद्यार्थियों को संचारविदों के जीवन और उनकी रचनाओं को देखना होगा.

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