UPSC में पत्रकारिता से परहेज़ क्यों ? – Prof. K G Suresh

भारत की पत्रकारिता वक़्त के साथ-साथ कई परिवर्तनों का सामना कर चुकी है और लगातार कर रही है। जनता तक खबर पहुंचने के अलावा अब पत्रकारिता की शिक्षा ने भी शिक्षा के चैत्र में नए आयामों को हासिल लिया है। शिक्षा में पत्रकारिता के इसी रूप पर ख़ास चर्चा की JMC टीम ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के जी सुरेश ( Prof. K G Suresh MCU Vice Chancellor ) के साथ.....
UPSC K G Suresh

परिचय / Introduction – केरल के रहने वाले प्रो. के जी सुरेश ( Prof. K G Suresh ) इस समय भारतीय पत्रकारिता जगत में विख्यात हैं। आपने भाषाई पत्रकारिता के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आप पीटीआई, डीडी न्यूज़, आईआईएमसी आदि संस्थानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं । वर्तमान समय में आप माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की भूमिका निभा रहे हैं। हिंदी पत्रकारिता में आपके दिए गए योगदान के लिए आपको गणेश शंकर विद्यार्थी पुरुस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

Interview

Interviewees – K.G Suresh (vice Chancellor MCU)

Interviewer – Gaurav Dubey (Content Producer JMC Sahitya)

Section 1 – JMC Interview

प्रश्न 1. आपने पत्रकारिता से संबंधित कई संस्थानों में अपना योगदान दिया । आपका सबसे अच्छा अनुभव कहाँ का रहा और अगर फिर मौका मिले तो आप पहले किस संस्थान को चुनेंगे ?

उत्तर 1. जिस तरह एक व्यक्ति के लिए दोनों आंखे महत्वपूर्ण हैं, माँ के लिए सभी बच्चे एक जैसे हैं । उसी तरह जिन-जिन संस्थानों में मैं रहा हूँ वो एक संपूर्ण है। इसमें सभी संस्थानों का योगदान है। आज मैं अगर बच्चों के बीच में एक लोकप्रिय शिक्षक हूँ तो वो इसलिए क्योंकि मैं अपना पीटीआई से लेकर दूरदर्शन तक का अनुभव सांझा कर पाता हूँ, उसके बगैर मैं अधूरा हूँ। अनुभव कभी व्यर्थ नहीं जाता। मुझे फिर मौका मिलेगा तो मैं फिर चाहूंगा कि मुझे इसी तरह से इसी क्रम में ईश्वर मुझे तमाम संस्थान दे। मेरे लिए सब प्रिये हैं। आज मैं उसी जज़्बे और जुनून से काम कर रहा हूँ जिस जज़्बे के साथ मैं 25 साल पहले पीटीआई में काम करता था।

प्रश्न 2. अपने अलग-अलग भाषा में अपना काफी योगदान दिया है और आपको भाषा के क्षेत्र में कई पुरस्कार भी मिले हैं। तो आप पत्रकारिता में भाषा व उसके योगदान को किस तरह से देखते हैं और आप किस भाषा मे अपने भावों को सबसे अच्छी तरह अभीव्यक्त करते हैं ?

उत्तर 2. मैंने एक लंबे अरसे तक अंग्रेज़ी भाषा में पत्रकारिता की है लेकिन मेरी मातृभाषा मलयालम है। मैं मूलतः केरल से हूँ और हिंदी मेरी राष्ट्रीय राज भाषा है। भाषा के प्रति मेरा हमेशा से रुझान रहा है।करीब आधा दर्जन भाषा मैं जनता हूँ और मैं उसमें बात भी कर सकता हूँ और समझ भी सकता हूँ। मेरा मानना है कि अगर आप आंकड़ों के आधार पर देखें तो मीडिया में आज की तारीख में सबसे ज्यादा भाषाई पत्रकारिता की बढ़त हो रही है। मैं ये नही कह रहा कि अंग्रेज़ी पत्रकारिता समाप्त हो गई है लेकिन वो जों की तों खड़ी है।

प्रश्न 3. हमारे देश के सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा है, उसमें पत्रकारिता से संबंधित कोई विषय नहीं है, तो क्या आपको लगता है कि उसमें ये विषय होना चाहिए ?

उत्तर 3. मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ। मुझे लगता है कि यूपीएससी में पत्रकारिता विषय आना चाहिए। (हास्य वियांग में कहा) शायद प्रशाशन में लोग पत्रकारिता से डरते हैं। इसलिए प्रशासनिक परीक्षाओं में पत्रकारिता आने नहीं दे रहे हैं। मेरा मानना है जब सभी विषय आपने शामिल किए हैं तो पत्रकारिता एवं जनसंचार से परेज़ क्यों।

प्रश्न 4. के.जी सुरेश बनने की प्रोसेस क्या है ?

उत्तर 4. के.जी सुरेश ही के.जी सुरेश बन सकता है, गौरव दुबे को गौरव दुबे बनना है। सबकी अपनी एक पहचान है सभी के अपने अलग-अलग अनुभव हैं। एक वाक़िया मुझे याद आ रहा है कि एक विश्व के विख्यात पेंटर थे उन्होंने एक महिला का स्केच बनाया जिसमें उन्हें करीब 30 मिनट लगे होंगे जब पेंटिंग की कीमत उस महिला ने पूछी तो उन्होंने कुछ 30 हज़ार डॉलर या उस समय की जो भी करेंसी थी वो बताई। महिला ने कहा 30 मिनट के 30 हज़ार इतना ज्यादा क्यों ? तो उन्होंने कहा 30 मिनट के लिए नहीं मेरी 30 साल की मेहनत के लिए।
तो जब मैं आपसे एक-आधा घंटा आपसे बात कर रहा हूँ तो वो मेरी 30, 35 साल की तपस्या आपसे बात कर रही है।

Section 2 – ज़रा रफ्तार से

शब्द 1. पत्रकारिता
उत्तर 1. प्रिंट, प्रिंट में आज भी विश्वशनियता है।

शब्द 2. राजनीति
उत्तर 2. सूचिता, पारदर्शिता

शब्द 3. के.जी सुरेश
उत्तर 3. नाम मे वज़न है “kg”

शब्द 4. भ्रमण
उत्तर 4. रोमांच, adventure

शब्द 5. Electronic media
उत्तर 5. Ground reporting

वाक्य 6. सबसे अच्छी भाषा
उत्तर 6. प्रेम और करुणा की भाषा

Section 3 – सवाल सबका

प्रश्न 1. कोरोना काल के कारण बच्चों की पढ़ाई ऑफलाइन से हटके ऑनलाइन पर आ गई है। अगर बात करें पत्रकारिता के बच्चों की, जिनका प्रैक्टिकल काम ज्यादा होता है तो क्या ऐसे में वो जब फील्ड में जाएंगे तो सर्वाइव कर पाएंगे ?

उत्तर 1. इसमें कोई दोह राय नहीं है कि कठिनाइयां आई हैं। लेकिन इसमें जहाँ भी रियायत मिली है। हमने बच्चों की लिए संचय निवारण के सत्र रखे हैं। हम उनसे लगातार प्रायोगिक कार्य करवाते रहे हैं। हमारे विश्विद्यालय के छात्रों ने करीब 300 यूट्यूब वीडियो तैयार की हैं। लेकिन आप सही कह रहे हैं पर आज मोबाइल ने काफी हद तक सिमुलेशन कंडीशन दे दिया है। आज आप स्टूडियो को घर में बना सकते हैं। काइन मास्टर का उपयोग करके एडिट कर सकते हैं। मैं समझता हूँ जिनको फ्रेशर्स की जरूरत है वो भी जानते हैं कि ये वर्ष बहुत कठिन वर्ष था। वो भी बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करते हैं और आज टेक्नॉलोजी सीखना ज्यादा मुश्किल नही है। छोटे बच्चे भी टेक्नोलॉजी को समझते हैं। सब जानते हैं लेकिन उनमें कंटेंट नही है आज हमें कंटेंट की जरूरत है। हम टेक्नोक्रेट नहीं तैयार कर रहें। हम जर्नलिस्ट तैयार कर रहे हैं।

प्रश्न 2. विश्वविद्यालय बच्चों को मीडिया की सच्चाई और उसमें मिलने वाले प्रेशर से अवगत नहीं करवाते सिर्फ़ किताबी ज्ञान देते हैं ? आप क्या कहेंगे.

उत्तर 2. कोई भी विश्वविद्यालय में मुझे नैतिकता तो सीखानी पढ़ेगी, अनैतिकता हो रही है तो मैं अनैतिकता सिख नही सकता। लेकिन इसका एक उपाय है वो ये कि मीडिया इंटरफ़ेस ज्यादा से ज्यादा करवाया जाए क्योंकि जो टीचर्स हैं। उन्होंने 20 साल पहले का पढ़ा है। आपको इस वक्त इंडस्ट्री में जो काम कर रहे हैं उनको जोड़ना होगा।

प्रश्न 3. आपका अगला क्या सपना है जो आप अब इस इंडस्ट्री में करना चाहते हैं ?

उत्तर 3. इंडस्ट्री के तौर पे तो नहीं पर मैं ये चाहता हूँ कि इस देश मे प्राथमिक शिक्षा से ही मीडिया साक्षरता होनी चाहिए। मीडिया हमारे जीवन को प्रभाभित करता है। बचपन से ही हम मीडिया से एक्सपोज़ हो गए हैं। हर जगह मीडिया है। आखिर ये मीडिया है क्या ? मैं मीडिया कोर्स की बात नहीं, मीडिया की समझ की बात कर रहा हूँ।

प्रश्न 4. आप अभी माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में कुलपति (Vice Chancellor) हैं तो इस पद पे आने के बाद आपका किस तरह का काम रहता है?

उत्तर 4. विश्वविद्यालय के बड़े नीतिगत फ़ैसले कुलपति को लेने होते हैं और खूब फ़ाइल वर्क होता है। लेकिन मैं एक अकैडमिक व्यक्ति हूँ। मैं ज्यादा पसंद छात्रों के बीच में जाना पसंद करता हूँ। मुझे कोई बता रहा था कि मैंने कोरोना काल में जितने वेबिनार मैं लेता था वो विश्वरिकार्ड है। नागपुर के भाष्कर ने इस बारे में लिखा भी था की सबसे ज्यादा वेबिनार करने वाले लोगों में मेरी गिनती है। मेरा मानना है जो आपने ज्ञान अर्जित किया है उसे दूसरों तक पहुंचाना।

धन्यवाद। आप इस इंटरव्यू को हमारे यूट्यूब चैनल JMC Study Hub पर देख व सुन सकते हैं। जो बातें इस लिखित इंटरव्यू में नहीं है। उन्हें आपको यूट्यूब पर सुनने का मौका मिलेगा साथ ही इंटरव्यू के दौरान हुई मज़ाकिया बातें भी उसमे मिलेंगी।

Prof. K. G. Suresh इंटरव्यू Youtube link – click here

माखनलाल चर्तुवेदी की कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ के 100 वर्ष पुरे होने पर प्रो. के. जी सुरेश का संदेश – click here

लोकमत समाचार पत्र के संपादक विकास मिश्रा का वर्तमान समय में पत्रकारिता पर दिया रोचक इंटरव्यू ज़रूर सुने – click here

Narendra Modi emerged as India’s Obama – Dr. Dillip Kumar – click here

About JMC Study Hub

About JMC Sahitya

JMC Study Hub is India’s first largest and dedicated learning platform of Journalism and Mass Communication. 

Email : jaankari@jmcstudyhub.com

Latest Post
Latest Video
Interview

Subscribe to Our Newsletter

Quick Revision

Want to crack UGC-NET Exam?

Courses out for June 2024 Exam.

Hurry up now.

Open chat
Ned help ?
Hello, welcome to “JMC Study Hub”. How can we assist you?